अवादा ग्रुप ने 40,000 करोड़ रुपए के ग्रीन अमोनिया संयंत्र के लिए राजस्थान सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर

 नई दिल्ली :  भारत के ‘2070 नेट-जीरो’ लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए देश के अग्रणी इंटीग्रेटेड एनर्जी एंटरप्राइज अवादा ग्रुप ने बुधवार (24 अगस्त) को राजस्थान सरकार के उद्योग और वाणिज्य विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन राजस्थान में कोटा में ग्रीन अमोनिया फेसिलिटी और अक्षय ऊर्जा बिजली संयंत्र स्थापित करने के संबंध में है।नई दिल्ली में आयोजित इनवेस्टमेंट राजस्थान शिखर सम्मेलन के लिए निवेश प्रोत्साहन रणनीति के हिस्से के रूप में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन में 40,000 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव किया गया है। इस कदम से लगभग 3,500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर और 10,500 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार हासिल होगा।इस समझौते को देश के ग्रीन फ्यूचर के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए अवादा ग्रुप के चेयरमैन श्री विनीत मित्तल ने कहा, ‘‘हरित ऊर्जा की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाना देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है और इस तरह नेट-जीरो से संबंधित लक्ष्यों की ओर मार्ग प्रशस्त करेगा। अवादा में हम देश को आत्मनिर्भर बनाने की तरफ कदम बढ़ाते हुए हरित ऊर्जा सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करके भारत को ऊर्जा के लिहाज से स्वतंत्र बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।’’उन्होंने आगे कहा, ‘‘अवादा में, हम मानते हैं कि व्यापार और सस्टेनेबिलिटी साथ-साथ चलती है। हम इस साझेदारी के लिए राजस्थान सरकार के आभारी हैं। यह माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की हरित ऊर्जा क्रांति को मजबूत करने में मदद करेगा, क्योंकि हम अक्षय ऊर्जा (आरई) क्षेत्र में देश की शानदार तरक्की को सपोर्ट करने के लिए नवीन स्वच्छ ऊर्जा समाधानों में महत्वपूर्ण निवेश करते हैं।’’स्वच्छ ऊर्जा से संबंधित टैक्नोलॉजी के बारे में विस्तार से बताते हुए श्री मित्तल ने आगे बताया कि ग्रीन हाइड्रोजन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह जलते के दौरान भी स्वच्छ रहती है और सिर्फ जल वाष्प को पीछे छोड़ती है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘उन उद्योगों के लिए जिन्हें उच्च तापमान वाली हीट की आवश्यकता होती है, जैसे कि फाउंड्री और ग्लास और स्टील निर्माता, यह अभूतपूर्व हो सकता है क्योंकि यह न केवल जीवाश्म ईंधन को नवीकरणीय स्रोतों से बदल देगा, बल्कि ग्रीन अमोनिया और गैस के विकल्प का भी उत्पादन करेगा।’’अवादा के बारे में -  सामाजिक उद्यमी विनीत मित्तल के नेतृत्व वाला अवादा समूह एक इंटीग्रेटेड एनर्जी प्लेटफॉर्म है, जिसमें सोलर सेल, मॉड्यूल और इलेक्ट्रोलाइज़र के निर्माण से लेकर अक्षय ऊर्जा उत्पादन, हरित हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया उत्पादन तक शामिल हैं। अवादा समूह की प्रमुख कंपनी अवादा एनर्जी भारत की सबसे तेजी से बढ़ती अक्षय ऊर्जा आईपीपी है।पांच वर्षों के भीतर, इसने एक प्रभावशाली पोर्टफोलियो विकसित किया है और फर्म की योजना 2025 तक 11 गीगावॉट और 2030 तक 30 गीगावॉट तक पहुंचने की है। अवादा ग्रुप के सोलर मैन्यूफेक्चरिंग बिजनेस में सेल और मॉड्यूल के लिए 5 गीगावॉट की वार्षिक उत्पादन क्षमता के साथ एक अत्याधुनिक सुविधा शामिल है। इसके अगले साल की शुरुआत तक चालू होने की उम्मीद है। 2030 तक, समूह की योजना पॉलीसिलिकॉन, इन्गॉट्स और वेफर्स में बैकवर्ड इंटीग्रेशन के साथ-साथ 10 गीगावॉट तक बढ़ाने की है।

Thu, 25 Aug 2022 09:44 PM (IST)
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अवादा ग्रुप ने 40,000 करोड़ रुपए के ग्रीन अमोनिया संयंत्र के लिए राजस्थान सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर
अवादा ग्रुप ने 40,000 करोड़ रुपए के ग्रीन अमोनिया संयंत्र के लिए राजस्थान सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर

 

नई दिल्ली :  भारत के ‘2070 नेट-जीरो’ लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए देश के अग्रणी इंटीग्रेटेड एनर्जी एंटरप्राइज अवादा ग्रुप ने बुधवार (24 अगस्त) को राजस्थान सरकार के उद्योग और वाणिज्य विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन राजस्थान में कोटा में ग्रीन अमोनिया फेसिलिटी और अक्षय ऊर्जा बिजली संयंत्र स्थापित करने के संबंध में है।

नई दिल्ली में आयोजित इनवेस्टमेंट राजस्थान शिखर सम्मेलन के लिए निवेश प्रोत्साहन रणनीति के हिस्से के रूप में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन में 40,000 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव किया गया है। इस कदम से लगभग 3,500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर और 10,500 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार हासिल होगा।
इस समझौते को देश के ग्रीन फ्यूचर के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए अवादा ग्रुप के चेयरमैन श्री विनीत मित्तल ने कहा, ‘‘हरित ऊर्जा की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाना देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है और इस तरह नेट-जीरो से संबंधित लक्ष्यों की ओर मार्ग प्रशस्त करेगा। अवादा में हम देश को आत्मनिर्भर बनाने की तरफ कदम बढ़ाते हुए हरित ऊर्जा सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करके भारत को ऊर्जा के लिहाज से स्वतंत्र बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘अवादा में, हम मानते हैं कि व्यापार और सस्टेनेबिलिटी साथ-साथ चलती है। हम इस साझेदारी के लिए राजस्थान सरकार के आभारी हैं। यह माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की हरित ऊर्जा क्रांति को मजबूत करने में मदद करेगा, क्योंकि हम अक्षय ऊर्जा (आरई) क्षेत्र में देश की शानदार तरक्की को सपोर्ट करने के लिए नवीन स्वच्छ ऊर्जा समाधानों में महत्वपूर्ण निवेश करते हैं।’’
स्वच्छ ऊर्जा से संबंधित टैक्नोलॉजी के बारे में विस्तार से बताते हुए श्री मित्तल ने आगे बताया कि ग्रीन हाइड्रोजन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह जलते के दौरान भी स्वच्छ रहती है और सिर्फ जल वाष्प को पीछे छोड़ती है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘उन उद्योगों के लिए जिन्हें उच्च तापमान वाली हीट की आवश्यकता होती है, जैसे कि फाउंड्री और ग्लास और स्टील निर्माता, यह अभूतपूर्व हो सकता है क्योंकि यह न केवल जीवाश्म ईंधन को नवीकरणीय स्रोतों से बदल देगा, बल्कि ग्रीन अमोनिया और गैस के विकल्प का भी उत्पादन करेगा।’’
अवादा के बारे में -  सामाजिक उद्यमी विनीत मित्तल के नेतृत्व वाला अवादा समूह एक इंटीग्रेटेड एनर्जी प्लेटफॉर्म है, जिसमें सोलर सेल, मॉड्यूल और इलेक्ट्रोलाइज़र के निर्माण से लेकर अक्षय ऊर्जा उत्पादन, हरित हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया उत्पादन तक शामिल हैं। अवादा समूह की प्रमुख कंपनी अवादा एनर्जी भारत की सबसे तेजी से बढ़ती अक्षय ऊर्जा आईपीपी है।
पांच वर्षों के भीतर, इसने एक प्रभावशाली पोर्टफोलियो विकसित किया है और फर्म की योजना 2025 तक 11 गीगावॉट और 2030 तक 30 गीगावॉट तक पहुंचने की है। अवादा ग्रुप के सोलर मैन्यूफेक्चरिंग बिजनेस में सेल और मॉड्यूल के लिए 5 गीगावॉट की वार्षिक उत्पादन क्षमता के साथ एक अत्याधुनिक सुविधा शामिल है। इसके अगले साल की शुरुआत तक चालू होने की उम्मीद है। 2030 तक, समूह की योजना पॉलीसिलिकॉन, इन्गॉट्स और वेफर्स में बैकवर्ड इंटीग्रेशन के साथ-साथ 10 गीगावॉट तक बढ़ाने की है।